Gardening की शुरुवात कैसे करें
October 19, 2024 | by baagbagicha2@gmail.com
बहुत सारे लोग कमेंट में पूछते है की हम gardening की शुरुवात कैसे करें तो यह article gardening की शुरुवात करने वालों के लिए हैं।Gardening की शुरुवात करते समय ऐसे पौधों का चुनाव करना चाहिए जो की आपके आसपास आसानी से मिल सकें और जल्दी ख़राब नहीं होते हों। पौधें जैसे सदाबहार , एलोवेरा , पोर्टुलका , स्नेक प्लांट , मनी प्लांट आदि से आप अपने बागवानी की शुरुवात कर सकतें है। यह पौधें बहुत आसानी से लग जातें हैं और इनको बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है।
Gardening की शुरुवात करते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें
- पौधों का चुनाव
- मिट्टी कैसे तैयार करें
- कौन सा खाद डालें
- गमलों का चुनाव
- धूप और पानी का रखें ख्याल
पौधों का चुनाव
पौधों का चुनाव करते समय एक बात का ध्यान देना चाहिए की पौधे आपके जलवायु के हिसाब से होने चाहिए। शुरू शुरू में ऐसे पौधे नहीं लगाए जो बहुत महंगे हो या फिर जिनको बहुत ज्यादा केयर की जरूरत होती हो। सदाबहार , एलोवेरा , पोर्टुलका , स्नेक प्लांट ,मनी प्लांट को लगा सकतें हैं। हमेशा कम पौधों से शुरुवात करें और जैसे जैसे अनुभव होगा वैसे वैसे पौधें बढ़ाते जाएँ।
मिट्टी कैसे तैयार करें
वैसे तो अलग अलग पौधों के लिए अलग मिट्टी की जरूरत होती है। गमलें की मिट्टी हमेशा well drained होनी चाहिए ताकि गमलें से एक्स्ट्रा पानी आसानी से निकल जाएँ और जड़ो को नुकसान नहीं पहुंचे। गमले की मिट्टी तैयार करने के लिए मिट्टी 40% , कोकोपीट या चावल की भुस्सी 20 %, कम्पोस्ट खाद (गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट ) 20 % और रेत / बालू 20 % को अच्छी तरह मिला लें और आप इसमें अपना पौधा लगा सकतें हैं। पौधें जैसे adenium, succulent और cactus इनको रेतीली मिट्टी की जरूरत होती है। कोकोपीट के इस्तेमाल से गमले की मिट्टी हल्की बनती है और यह पानी को सही से absorb करतें हैं। मिट्टी जितनी हल्की और भुरभुरी होगी उनमे जड़ो का विकास उतने अच्छे से होता है। अगर आपके यहाँ की मिट्टी बहुत चिपचिपी है तो उसमे रेत / बालू का इस्तेमाल किया जाता है ताकि मिट्टी well drained बने और पानी आसानी से गमले से बाहर निकल सकें।
कौन सा खाद डालें
पौधों के लिए सबसे अच्छी खाद सड़े हुए गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट होती है। आप खुद से किचन कम्पोस्ट खाद भी बना कर डाल सकतें है।केमिकल खाद के इस्तेमाल से बचें क्यूंकि ये मिट्टी में महजूद organic matter को ख़तम करते है जिससे मिट्टी बंजर होती जाती है। कोशिश करें की पौधों में आर्गेनिक खाद का ही इस्तेमाल किया जाये। आप पौधों में liquid खाद का इस्तेमाल कर सकतें हैं। इसके लिए आप फलों और सब्जियों के छिलकों को दो दिनों तक एक लीटर पानी में डालकर छोड़ दें। दो दिनों के बाद इनको छान लें और इसमें दस लीटर पानी मिलकर अपने पौधों में डाल सकतें है।
गमलों का चुनाव
पौधे लगाने के लिए मिट्टी का गमला सबसे अच्छा होता है क्यूंकि इसमें छोटे छोटे छेद होते हैं जिनसे गमले में महजूद एक्स्ट्रा पानी evaporate हो जाते है और पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। प्लास्टिक के गमले धूप में बहुत ज्यादा गरम हो जाते है जिनसे जड़ो को नुकसान पहुँचता है और यह धूप से जल्दी ख़राब भी हो जाते है। पौधे जिनके जड़े ज्यादा नहीं फैलती है उनको छोटे गमले में लगाएं। पोर्तुलाका, एलोवेरा जैसे पौधों को आप आठ इंच के गमले में लगा सकतें हैं। सदाबहार , स्नेक प्लांट और मनी प्लांट के लिए आप दस से बारह इंच का गमला लें।
धूप और पानी का रखें ख्याल
अगर आप धूप और पानी का सही से ख्याल रखतें है तो आपके पौधे कभी ख़राब नहीं होंगे। पौधें जैसे सदाबहार और पोर्टुलका इनको full sunlight की जरूरत होती है और पौधे जैसे एलोवेरा , स्नेक प्लांट और मनी प्लांट इनको आप semishade या indoor में रखें।गमलों को मौसम के हिसाब से अंदर या बाहर करें।
ज्यादातर पौधें कम पानी से नहीं ज्यादा पानी से ख़राब होते है। पौधों में पानी तभी डालें जब उप्पर की मिट्टी सुखी दिखे। indoor वाले पौधों में बहुत कम पानी की जरूरत होती है। आप इसमें हफ्ते में दो बार ही पानी डालें। हमेशा कोशिश करें की पौधों में सुबह या शाम के वक़्त ही पानी डालें, दोपहर धूप में पानी डालें से पौधें stress में आ सकतें है।
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