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कोकोपीट क्या है और कोकोपीट का उपयोग कैसे करें / How To Use Cocopeat ?

आजकल जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग की ओर रुझान बढ़ता जा रहा है। इसी दिशा में कोकोपीट (Cocopeat) का नाम तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इस लेख में हमलोग कोकोपीट क्या है और कोकोपीट का उपयोग कैसे करें / How To Use Cocopeat ? के बारे में जानेंगे। कोकोपीट नारियल की भूसी होती है। यह एक ऐसा माध्यम है जो मिट्टी के विकल्प के रूप में काम करता है और पौधों की अच्छी वृद्धि में सहायक होता है। यह लेख विस्तार से बताएगा कि कोकोपीट का उपयोग गार्डन में कैसे करें, इसके फायदे क्या हैं, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कोकोपीट क्या है और कोकोपीट का उपयोग कैसे करें / How To Use Cocopeat ?

कोकोपीट, जिसे कोयर पीट (Coir Peat) या कोयर डस्ट (Coir Dust) भी कहा जाता है, यह एक नारियल की भूसी है जो की इसके बाहरी छिलको को प्रोसेस कर के तैयार किया जाता है। नारियल के छिलके को पीसने के बाद जो महीन पाउडर निकलता है, वही कोकोपीट कहलाता है। यह एक प्रकार का जैविक माध्यम है जो पौधों की जड़ों के लिए उपयुक्त नमी बनाए रखता है और इसके प्रयोग से जड़ों में वायु का संचार बना रहता है।

कोकोपीट के फायदे :

जल धारण क्षमता

कोकोपीट की सबसे बड़ी खासियत इसकी पानी सोखने की क्षमता है। यह अपने वजन से 5-10 गुना पानी सोख सकता है और धीरे-धीरे पौधों को नमी प्रदान करता है , जिससे पौधों को कभी पानी की कमी नहीं होती और पौधा कभी पानी की कमी से नहीं सूखता है।

हल्का और झरझरा

कोकोपीट वजन में बहुत ही हल्का और झरझरा होता है, जिससे छतपर ज्यादा वजन नहीं परती है और जड़ों को भी अच्छे तरह से ऑक्सीजन मिलती है।

जैविक और पर्यावरण के अनुकूल

यह पूरी तरह से जैविक होता है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता।

PH स्तर संतुलित

कोकोपीट का PH सामान्यतः 5.5 से 6.5 के बीच होता है, जो अधिकांश पौधों के लिए उपयुक्त है। इसे मिट्टी में मिलाने मिट्टी की भी PH को सही करता है।

गार्डन में कोकोपीट का उपयोग कैसे करें ?

कोकोपीट को गार्डनिंग में इस्तेमाल करने के कई तरीके हैं। नीचे विभिन्न उपयोगों का विवरण दिया गया है:

1. पौधों की नर्सरी या सीडलिंग के लिए
कोकोपीट बीज अंकुरण के लिए एक उत्कृष्ट माध्यम है। यह हल्का होता है इस कारण इसमें बीजों का जर्मिनेशन जल्दी से होता है।

कैसे करें:

50% कोकोपीट, 50% वर्मी कंपोस्ट
इस मिश्रण को बीज ट्रे या गमले में भरें।
बीज डालें और हल्का पानी दें।
पानी देने के लिए स्प्रे का इस्तेमाल करें।
स्प्रे से बीजों के ऊपर की मिट्टी नहीं निकलती है।
कोकोपीट नमी को बनाए रखेगा और बीज जल्दी अंकुरित होंगे।

2. पॉटिंग मिक्स में

पॉटिंग मिक्स तैयार करते समय कोकोपीट को मिट्टी में मिला सकते हैं। इससे मिट्टी हल्की और भुरभुरी बनती है।

सामग्री:
40% बागवानी मिट्टी
30% कोकोपीट
20% वर्मी कंपोस्ट या गोबर खाद
10% बालू या पर्लाइट

कैसे करें:
सभी सामग्रियों को अच्छे से मिलाएं ताकि एक परफेक्ट मिक्स तैयार हो।
इस पॉटिंग मिक्स का उपयोग आप किसी भी गमले या ग्रो बैग में कर सकते हैं।

3. हाइड्रोपोनिक सिस्टम में
कोकोपीट को हाइड्रोपोनिक माध्यम के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसमें पौधों को केवल कोकोपीट में लगाया जाता है और पोषक तत्व घोल के माध्यम से एक मोटर के जरिये दिए जाते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें:

कोकोपीट को अच्छी तरह धोना जरूरी है ताकि उसमें मौजूद नमक (salts) निकल जाएं।
बाजार से खरीदे गए कोकोपीट को पानी में भिगोकर 24 घंटे छोड़ें और फिर छानकर उपयोग करें।

4. गमलों की मिट्टी में सुधार के लिए
अगर आपकी मिट्टी भारी या जलरोधी है तो उसमें कोकोपीट मिलाकर उसकी गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। इससे गमलों के लिए बहुत ही अछि मिट्टी बनती है।

कैसे करें:

मिट्टी में 20-30% कोकोपीट मिलाएं।
यह मिश्रण मिट्टी को हल्का बनाएगा और जल निकासी बेहतर होगी।

कोकोपीट का उपयोग करते समय सावधानियां :

1. नमक की उपस्थिति
प्रायः कोकोपीट बनाने के लिए नारियल समुद्री किनारे से लाया जाता है। इस कारण इसमें प्राकृतिक रूप से नमक मौजूद होता है जो पौधों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए उपयोग से पहले इसे अच्छी तरह धोना चाहिए।

2. सिर्फ कोकोपीट पर निर्भर न रहें
कोकोपीट में पोषक तत्व नहीं होते, इसलिए इसे वर्मी कंपोस्ट, बोन मील या लिक्विड फर्टिलाइजर के साथ मिलाना जरूरी है।

3. भंडारण
कोकोपीट को रखने से पहले इसे अच्छी तरह से सूखा लें और इसे सूखी और छायादार जगह पर रखें ताकि उसमें फफूंदी न लगे।

कोकोपीट कहां से प्राप्त करें ?

कोकोपीट आजकल लगभग हर नर्सरी, गार्डनिंग स्टोर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट आदि पर उपलब्ध है। यह ईंट (Brick) के रूप में आता है जिसे पानी में भिगोने के बाद उपयोग किया जाता है।

कोकोपीट को उपयोग करने की विधि (Step by Step) :

कोकोपीट ब्रिक लें (आमतौर पर 1 से 5 किलो की )
एक बड़ी टब या बाल्टी में रखें।
4-5 लीटर पानी डालें।
ब्रिक फूलकर 5-6 गुना हो जाएगी और भुरभुरी बन जाएगी।
इसे अच्छी तरह से धो लें।
इसे छानें और धुप में सुखा लें।
अब यह उपयोग के लिए तैयार है।

निष्कर्ष :

कोकोपीट एक आधुनिक, पर्यावरण अनुकूल और प्रभावी माध्यम है जो आपकी बागवानी को अधिक सफल और आसान बना सकता है। चाहे आप बीज बोने की तैयारी कर रहे हों, गमले में मिट्टी सुधारना चाहते हों या पूरी तरह से सॉयल-लेस गार्डनिंग अपनाना चाहते हों, कोकोपीट एक बेहतरीन विकल्प है। सही मिश्रण और उचित देखभाल के साथ, कोकोपीट का प्रयोग कर आप अपने बगीचे में हरियाली और उत्पादकता दोनों बढ़ा सकते हैं। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमे कमेंट में बताएं

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